हिना नामक एक युवा और सुंदर नन की कहानी है। वह एक शांत और एकांत मठ में रहती है, जहाँ वह प्रार्थना और चिंतन में अपना जीवन बिताती है।
एक दिन, एक अजनबी मठ में आता है। वह एक आकर्षक और रहस्यमय व्यक्ति है, और हिना तुरंत उसकी ओर आकर्षित हो जाती है। वह जानती है कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन वह अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाती है।
अजनबी हिना के साथ छेड़छाड़ करना शुरू कर देता है। वह उसे बताता है कि वह कितनी सुंदर और कामुक है। हिना को अपनी वर्जनाओं और अपनी इच्छाओं के बीच फंसा हुआ महसूस होता है।
अंततः, हिना अपनी इच्छाओं के आगे झुक जाती है। वह अजनबी के साथ प्यार करती है, और वह अपने शरीर की खोज करती है। उसे पता चलता है कि वह कितनी कामुक और आनंदमय हो सकती है।
हिना को अपनी पसंद पर पछतावा होता है। वह जानती है कि उसने पाप किया है, और वह भगवान से माफी मांगती है। लेकिन वह यह भी जानती है कि वह अजनबी को कभी नहीं भूलेगी, और वह हमेशा अपने प्यार को याद रखेगी।









