हिनाको और कोहारू, दो किशोर लड़कियाँ, अपनी जवानी के उत्साह और मासूमियत से भरी हुई हैं। वे जेके (जोशी कोसेई) हैं, जिसका अर्थ है जापानी हाई स्कूल की छात्राएँ।
हिनाको, शायद अधिक बहिर्मुखी और आत्मविश्वास से भरी है, जबकि कोहारू थोड़ी शर्मीली और अंतर्मुखी हो सकती है। दोनों ही अपनी किशोरावस्था के आकर्षण और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं।
यह कहानी उनकी दोस्ती, स्कूल के जीवन, और बढ़ते हुए अनुभवों के इर्द-गिर्द घूमती है। यह उनकी चुनौतियों, सपनों और आकांक्षाओं को दर्शाती है।
कल्पना कीजिए कि वे स्कूल के बाद एक कैफे में बैठी हैं, हँसी-मज़ाक कर रही हैं और भविष्य के बारे में सपने देख रही हैं। या फिर वे स्कूल के मैदान में दौड़ रही हैं, अपनी जवानी की ऊर्जा का आनंद ले रही हैं।
यह कहानी हमें याद दिलाती है कि किशोरावस्था कितनी खास होती है, और यह हमें उस मासूमियत और उत्साह को संजोने के लिए प्रेरित करती है जो इस उम्र में स्वाभाविक रूप से आती है।









